कैसेकै बौ आत्मा जो तुमकै मिली है, फिर सै दास बनानै या डरानै के ताँई ना है, बलकन बौ आत्मा तुमकै परमेसर की गोद लेई भई औलाद बनाबै है। जिस्सै हम “हे अब्बा, हे पिता” कैह कै परमेसर कै बुलाबै हैं।
जो राज हमकै मिलो है बाकै हलाओ ना जा सकै है, इसताँई हमकै बा किरपा कै अपने हात सै ना जान देनो है जिसकी बजै सै हम भक्ति और डर के संग परमेसर की आराधना करैं जिस्सै बौ खुस होवै है।