“मैं तुमसै सच-सच कैरओ हौं, जो मेरे बचन सुनकै मेरे भेजनै बारे मै बिसवास करै है, हमेसा की जिन्दगी बाकी है, और बाके ऊपर सजा को हुकम ना है, पर मौत सै पार होकै बौ जिन्दगी मै पौंच चुको है।
कैसेकै हम जौ जानै हैं कै जौ हमरो सरीर एक तम्बू के हाँई है जिसमै हम जा धरती मै रैहबैं हैं, और जब जा तम्बू कै गिरा दओ जागो तौ, परमेसर की ओर सै हमकै सुरग मै ऐंसो घर मिलैगो जो कबी खतम ना होगो, और जिसकै किसी आदमी नै ना बनाओ होगो।
अब देखौ जब तुमनै सच्चाई की बातौं कै मानो है और अपनी आत्मा कै पबित्तर करो है तौ तुम सच्चे दिल सै एक दूसरे सै पियार रक्खौ, और आनै बारे बखत मै बी पूरे दिल सै पियार करौ।