कैसेकै सरीर की इच्छा आत्मा के बिरोद मै है, और आत्मा की इच्छा सरीर के बिरोद मै है। जे दौनौ आपस मै बिरोदी हैं। इसताँई कै जो तुम कन्नो चाँहौ हौ, बाकै ना कर पावौ हौ।
एक बखत हो जब हम बी अपने सरीर की गलत इच्छाऔं के हिसाब सै दिन काटै हे, और सरीर और मन की मरजी कै पूरी कन्नै मै लगे रैहबै हे, और सबई लोगौ के हाँई सौभाब सैई हम बी परमेसर के घुस्सा के लायक हे।
कैसेकै हम बी पैले, मूरख और आगियाँ ना माननै बारे, और भरम मै पड़े भए और हर तरै की बुरी बासनाऔ और सुकबिलास के गुलाम हे, बैरभाव, जरन और नफरत कन्नै मै जिन्दगी बिता रए हे, हम सै लोग नफरत करै हे, और हम बी एक दूसरे सै बैर रक्खै हे।
पैले तुम नासमज हे और अपनी बुरी इच्छाऔं के हिसाब सै चलै हे पर अब तुम परमेसर के आगियाँ माननै बारे बालक हौ इसताँई अब तुम बा बुरी इच्छा के हिसाब सै ना चलौ।
पियारे भईयौ, तुम परदेसी और यातरी हौ इसताँई मैं तुमसै बिनती करौ हौं कै तुम अपने सरीर की बुरी इच्छा सै बचे रौह जो आत्मा के बिरोद मै लड़ाई के ताँई उठै हैं।
खास करकै ऐंसे लोग जो बुरी इच्छाऔं के संग सरीर कै लेकै चलै हैं और बड़े अधकारिऔं कै बेकार समजै हैं; बे घमंडी और जिद्दी हैं और महिमा मै रैहनै बारौ कै बुरो भलो कैनै सै पिच्छे बी ना हटैं हैं।
जे बेकार की घमंड की बात करकै और सरीर की बुरी इच्छा और लुचपन की बातौं मै उनकै अपनी ओर खैंच लेबै हैं, जो गलत सिक्छा मै हैं उन लोगौ सै अबी-अबी बचकै लिकरे हैं।