4 मेरे काम के ताँई मैंकै रोटी और पानी मिलनै को हक है।
रस्ता के ताँई ना झोला, ना दो कुरता, ना जूता, ना लठिया ले जाऔ कैसेकै मजदूर कै रोटी को हक है।
उसई घर मै ठैरे रौह और जो कुछ उनसै मिलै बौई खाऔ-पिऔ कैसेकै मजदूर कै अपनी मजदूरी मिलनी चँईऐ, पर एक घर सै दूसरे घर मै ना घूमौं,
मैंनै कबी बी किसी के सौने, चाँदी और लत्तौ को लालच ना करो।
बे लोग जो मेरी बुराई करै हैं, उनके ताँई मेरो जौई जबाब है।
जो तुमकै बचन की सिक्छा देवै है, बाके संग तुमकै अपनी जिन्दगी की अच्छी चीजौ कै बाँटनो चँईऐ।
हम ना तौ तुमरी, और ना लोगौ की, और ना दूसरौं की ओर सै अपनी बड़ाई चाँहै हे।
ओ भईयौ और बहनौ, तुम याद रक्खौ कै हमनै तुमरे बीच मै रात-दिन मैहनत को काम इसताँई करो है, जिस्सै कै हम परमेसर की अच्छी खबर कै सुनाते भए किसी के ऊपर बोज ना बनै।