बा खाने के ताँई मैहनत ना करौ जो सड़ जावै है, पर बा खाने के ताँई मैहनत करौ जो हमेसा जिन्दगी भर बनो रैहबै है, जिसकै आदमी को लौंड़ा तुमकै देगो, कैसेकै अब्बा यानी परमेसर नै बाई मै अपनी मौहर लगाई है।”
जब मूरतिऔं के सामने बलि करी भई चीजौ के खानै के बारे मै हम जानै हैं कै, “जा दुनिया मै मूरत कुछ बी चीज ना है, और हम जानै हैं कै एक कै छोड़कै और कोई दूसरो परमेसर ना है।”