7 पर मैं तौ जौ चाँहौ हौं कै, सिगरे आदमी ऐंसेई बनै जैसे मैं हौं। पर परमेसर की ओर सै हर एक कै अगल अगल बरदान मिले हैं, किसी कै किसी तरै को, किसी कै किसी और तरै को।
पौलुस नै कैई कै, “जल्दी या देर सैई पर मेरी परमेसर सै जौ बिनती है कै, तूई ना पर जित्ते बी लोग मेरी आज सुन रए हैं, सिरप इन साँकरौ कै छोड़कै, बे मेरे हाँई हो जांगे।”
तौ फिर उसके किरपा सै हमकै जो अगल अगल बरदान मिले हैं, और जिसकै परमेसर को सन्देसो दैनै को बरदान मिलो है, और जितनो बिसवास देओ गओ है उसके हिसाब सै परमेसर को सन्देसो दे।
पर मैंनै इनमै सै किसी बी बात को सहारो ना लओ। जे सबई बात मैं इसताँई ना लिख रओ हौं कै जौ सब तुम मेरे ताँई करौ, कैसेकै इस्सै अच्छो तौ मेरो मर जानो सई है कै, कोई मेरे घमंड कै बेकार ठैराऐ।