32 मैं तौ चाँहौ हौं, कै तुमकै चिन्ता ना होए, एक कुँआरो आदमी परभु की बातौं की चिन्ता मै रैहबै है, कै परभु कै कैसे खुस रक्खै।
और कुछ बीज जो कटीली झाँड़िऔं मै बोए गए, जे बे हैं, जिनौनै परमेसर को बचन सुनो। पर दुनिया की चिन्ता, धन-दौलत को मोह परमेसर की बातौं कै दबा देवै हैं जिस्सै बामै फल ना लग पावै है।
पर दुनिया की चिन्ता, धन-दौलत को मोह और दूसरी चीजौ की लालसा उनमै समाकै परमेसर की बातौं कै दबा देवै हैं जिस्सै बामै फल ना लग पावै हैं।
बौ इसताँई भाज जावै है, कैसेकै बौ मजदूर है और बाकै भेड़ौ की फिकर ना है।
पर बिहालो आदमी दुनिया की बातौं की चिन्ता मै रैहबै है, कै अपनी बईयर कै किस तरै सै खुस रक्खै,
किसी बी बात की फिकर ना करौ, पर हर एक बात मै पिराथना और बिनती करे करौ और धन्नबाद के संग अपनी बिनतिऔं कै परमेसर के सामने रक्खौ।
जो बईयर सच्ची की राँड़ है, और जिनको कोई ना है, और उनको बिसवास परमेसर के ऊपर है और बौ रात-दिन जौ पिराथना करै है कै परमेसर बाकी जरूरतौं कै पूरी करै।