15 अगर अबिसवासी छोड़कै जानो चाँहै है तौ बौ चलो जाऐ। ऐंसी घड़ी किसी बिसवासी भईया या बहन के सामने आवै है तौ बे बिहा के रिस्ता मै बंधे ना रैहंगे। परमेसर नै तौ तुमकै सान्ति की जिन्दगी जीनै के ताँई बुलाओ है।
एक दुसट आत्मा बाकै पकड़ै है, और बौ अचानक चिल्ला पड़ै है, और बौ बाकै ऐंसो मरोड़ै है कै बाके मौह मै झाग लिकरल लगै है, और बाको सरीर ऐंठल लगै है, और बाकी नस नस तोड़कै बड़ी मुसकल सै छोड़ै है।
हे भईयौ और बहनौ, खुस रौह। अब मैं तुमसै बिदा चाँहौ हौं, अपनो चाल-चलन सई रक्खौ, और बैसोई करिओ जैसो मैंनै कैई है, एकई सोच रक्खौ और सान्ति सै रैहऔ, पियार और सान्ति को परमेसर तुमरे संग रैह।