3 मैं सरीर सै तौ तुमसै दूर हौं, पर आत्मा सै तुमरे संगई हौं। और ऐंसो मानौ कै मैं तुमरे संगई रैहते भए ऐंसो गलत काम कन्नै बारे आदमी के खिलाप जौ फैसला सुना चुको हौं।
मैं पौलुस जो मसी की दीनता और दया की बजै सै तुमसै बिनती करौ हौं। पर कुछ लोग कैबै हैं कै जब मैं तुमरे धौंरे होबौ हौं तौ नमर हौं पर जब दूर हौं तौ कठोर हौं।
जब मैं दूसरी दफै तुमरे संग हो तौ मैंनै तुमकै चितौनी दई ही, और जब अब मैं तुमसै दूर हौं तौ मैं तुमकै फिर चितौनी देवौ हौं कै, अगर मैं फिर तुमरे धौंरे आंगो तौ जिन्नै पाप करो और जो पाप करते रैहबैं हैं, उनकै और बाकी के दूसरे लोगौ कै बी ना छोड़ंगो।
मैं अबी तुमसै भौत दूर हौं पर दिल सै तुम लोगौ के संग हौं और मैंकै जौ बात सुनकै भौत खुसी होवै है कै, तुम अपनी जिन्दगी मै नियम सै चल रए हौ और तुमरो बिसवास मसी मै पक्को है।