कैसेकै मैंकै जा बात को डर है कै जब मैं तुमरे धौंरे आऔं तौ तुमकै बैसो ना पांऔ जैसो मैंनै सोचो है, और तुम बी मैंकै बैसो ना पाऔ जैसो तुम सोचै हे। मैंकै जा बात को डर है कै कबी तुमरे बीच मै आपस मै लड़ाई, जरन, घुस्सा, मतलबी इच्छा, चुगली, घमंड, और नियम सई ना मिलै।
मैंकै जा बात को डर है कै जब मैं फिर तुमरे धौंरे बापस आंगो तौ कहीं मेरो परमेसर तुमरे सामने मेरी बेजती करै और मैंकै उन लोगौ मै सै जिन्नै पैले भौत पाप करो हो और उनके गंदे काम, कुकरम, लुचपन बारी जिन्दगी सै मन ना फिरानै की बजै सै मैंकै रोनो पड़ै।