पर तू अपने बुरे कामौ सै मन ना फिरानै और अपने हटीले मन की बजै सै बाके कोप के दिन के ताँई जिसमै परमेसर को सच्चो नियाय परकट होगो, उस दिन के ताँई परमेसर को कोप कै इखट्टो कर रओ है।
इसताँई ठैराए भए बखत सै पैलेई, परभु के आनै तक कोई किसी को नियाय ना करै, कैसेकै बौई तौ इन्धेरे मै छिपी भई बातौं कै सामने लागो, और जो बात आदमी के मन मै है। बाकै बी बौ परकट कर देगो। तब सिगरे लोगौ की बड़ाई परमेसर की ओर सै होगी।
इसताँई मैं जे दुख बी उठा रओ हौं, फिर बी मैं सरमाबौ ना हौं कैसेकै मैं जौ बात जानौ हौं कै मैंनै किस मै बिसवास करो है। मैंकै पक्को भरोसो है कै जो मैंकै चीज सौंपी हैं बाकी रखबारी बौ कर सकै है, जब तक कै बौ नियाय को दिन ना आय।
अब सुरग मै मेरे ताँई धारमिकता को मुकट तईयार करकै रखर खाओ है और परभु जो सच्चो नियाय कन्नै बारो है। मैंकै बा दिन देगो और मैंकैई ना पर उन सबई लोगौ कै बी देगो जो पियार के संग बाको फिर सै आनै को पैंड़ो देख रए हैं।
पर परभु को दिन चोर के हाँई अचानक सै आगो, बा दिन आसमान एक बड़ी अबाज के संग गायब हो जागो और एक बड़ी लपट के संग सबई चीज पिगल जांगी, और धरती और बाके सबई काम सामने आ जांगे।
पर बाके बचन के दुआरा जा जमाने के आसमान और धरती कै आग सै नास कन्नै के ताँई बचाकै रक्खो है, और नियाय के दिन तक और परमेसर कै ना माननै बारे लोगौ को नास होनै तक ऐंसेई रैहंगे।
फिर मैंनै छोटे बड़े सब मरे भएऔं कै सिंगासन के सामने खड़े भए देखो। और किताबौ कै खोलो गओ, फिर एक और किताब खोली गई यानी जिन्दगी की किताब; और जैसो किताबौ मै लिखो हो, उनके कामौ केई अनुसार मरे भएऔं को नियाय करो गओ।