7 मेरी ऐंसी इच्छा ना है कै मैं सिरप रस्ता मै जाते बखत तुमसै मिलतो भओ जांऔ। पर मैंकै उमीद है कै अगर परभु नै चाँहो तौ कुछ बखत तुमरे संग रैहंगो।
ईसु नै बाकै जौ जबाब दओ, “कै अब तौ ऐंसोई होन दे, कैसेकै हमकै इसई रीती सै परमेसर की इच्छा को पूरो कन्नो ठीक है।” तब यहून्ना नै ईसु की बात मान लई।
पर बानै ऐंसे कैई कै अगर परमेसर चाँहैगो तौ मैं फिर तुमरे धौंरे आंगो और बौ इफिसुस सै पानी के जिहाज सै चले गओ।
और रोज अपनी पिराथनाऔ मै बिनती करौ हौं कै किसी तरै सै अब तुमरे धौंरे आनै की मेरी चाहत परमेसर की मरजी सै पूरी हो।
अगर परभु की मरजी भई तौ मैं तुमरे धौंरे जल्दीई आंगो और उन घमंडी लोगौ की बातौंई को ना पर उनकी सकति को बी पतो लगांगो।
मैंनै जाई बिसवास की बजै सै पैलेई तुमरे धौंरे आनै को पक्को मन बना लओ हो कै तुमकै एक और आसीस मिलै।
इसताँई तुमकै जौ कैनो चँईऐ कै, “अगर परभु की मरजी होगी, तौ हम जिन्दे रैहंगे और जौ या बौ काम करंगे।”