हे भईयौ और बहनौ, मैं तुमकै जौ बोल रओ हौं कै, जा धरती को सरीर और खून परमेसर के राज के हकदार ना हो सकै हैं, और नास होनै बारी चीज, ना नास होनै बारी चीज के हकदार ना हो सकै हैं।
पर परभु को दिन चोर के हाँई अचानक सै आगो, बा दिन आसमान एक बड़ी अबाज के संग गायब हो जागो और एक बड़ी लपट के संग सबई चीज पिगल जांगी, और धरती और बाके सबई काम सामने आ जांगे।
जब मैंनै फिर देखो, तौ आसमान के बीच मै उड़नै बारे एक उकाब कै जौ कैते सुनो कै, “उन तीन सुरगदूतौं की तुरही की अबाज के कारन सै, जिनको बजानो अबी बाकी है, धरती के रैहनै बारौ मै हाय, हाय, हाय।”