39 सिगरे सरीर एक जैसे ना हैं, आदमी को सरीर अगल तरै को, जनाबरौ को सरीर अगल तरै को, पंछिऔ को सरीर अगल तरै को, और मच्छिऔं को सरीर अगल तरै को है।
पर परमेसर अपनी मरजी सै जैसो चाँहबै है, बा बीज कै बैसोई रूप देवै है। हर बीज को अपनो एक सरीर है।
सुरग मै रैहनै बारौ को सरीर अगल तरै को है और धरती मै रैहनै बारौ को सरीर अगल तरै को है, पर सुरग के सरीर की महिमा अगल है और धरती के सरीर की महिमा अगल है।