इसताँई जब तुम बी पबित्तर आत्मा के बरदान पानै की ताख मै लगे हौ तौ ऐंसी कोसिस करौ कै जो बरदान तुमकै मिल रए हैं, उन बरदानौ सै बिसवासिऔ की मंडली के लोग बी बढ़ैं।
अरे भईयौ और बहनौ, फिर का कन्नो चँईऐ? जब तुम इखट्टे होबौ, तौ तुम्मै सै कोई भजन गावै, कोई कुछ सिकानै की बात, कोई परमेसर की ओर सै खास सन्देसो बताबै, और कोई किसी दूसरी दूसरी भासा मै बोलै है, तौ कोई बाको मतलब बताबै। जे सिगरी बात बिसवासी लोगौ कै आत्मिक रूप सै बढ़नै के ताँई होनी चँईऐ।
अगर कोई कैए कै, “मैंकै सबई कुछ कन्नै को हक दओ है” पर सबई कुछ मेरे फाएदा के ताँई ना है। “मैंकै सबई कुछ कन्नै को हक दओ है” पर मैं खुद कै किसी बी चीज को गुलाम ना बनन देवौ हौं।
अब हम मूरतिऔं के सामने बलि करी भई खानै की चीजौ के बारे मै बात करंगे। हम जानै हैं कै हमकै इन बातौं को गियान है, पर गियान आदमी कै घमंडी बना देवै है, पर पियार सै आदमी की तरक्की होवै है।
का तुम जौ समजौ हौ कै हम जौ सब तुमरे सामने अपने बचाब के ताँई कैरए हैं? पर हम तौ परमेसर के सामने मसी के सेवक बनकै बोल रए हैं। पियारे लोगौ, जो कुछ हम कर रए हैं, बौ सब तुमरी बढ़ौतरी के ताँई है।
तुमरे मौह सै कोई बी गलत बात ना लिकरै, पर जरूरत के हिसाब सै बौई लिकरै जो उनके अग्गे बढ़ानै के ताँई अच्छो है जिस्सै कै उन सुन्नै बारौ के ऊपर उस्सै भलो होए।
उनसै कैऔ कै खानदान की बातौं और बेकार की मन सै बनाई भई कस्ताऔ मै धियान ना देओ, और अपनो बखत बेकार की बातौं मै ना खराब करौ, जो लड़ाई कै बढ़ाबो देवै हैं। इन बातौं सै परमेसर के बा बचन को गियान ना मिलै है, जो बिसवास मै टिको है।