गलातिऔ 1 - बुक्सापौलुस की ओर सै नमस्कार 1-2 गलातिया के बिसवासिऔ की मंडलिऔ कै मैं पौलुस की ओर सै और मेरे संगी बिसवासी भईयौ और बहनौ की ओर सै जौ चिट्ठी लिख रओ हौं। मैं ना तौ किसी आदमी की ओर सै और ना लोगौ की ओर सै भेजो भओ हौं, पर ईसु मसी और पिता परमेसर के दुआरा भेजो भओ चेला हौं। और पिता परमेसर नै मसी ईसु कै मरे भएऔं मै सै जिन्दो करो। 3 हमरे पिता परमेसर और हमरे परभु ईसु मसी की ओर से तुमकै किरपा और सान्ति मिलती रैह। 4 ईसु मसी नै हमरे पापौं के ताँई अपनी जान तक दे दई जिस्सै कै हम जा बुरे युग मै रैह रए हैं, बासै छुटकारो पा सकैं और हमरे पिता परमेसर की इच्छा जौई है। 5 और बाकी महिमा युगौं-युगौं तक होती रैह। ऐंसोई होए। सिरप एकई अच्छी खबर है 6 मैं जौ बात सुनकै चौंक गओ कै तुम परमेसर सै जिसनै मसी की किरपा के दुआरा तुमकै बुलाओ बाकै इत्ती जल्दी छोड़कै किसी दूसरी अच्छी खबर की ओर जा रए हौ। 7 पर सई मै कोई दूसरी अच्छी खबर हैई ना पर कुछ लोग ऐंसे हैं जो तुमरे दिल मै बैहैम डारै हैं और मसी की अच्छी खबर कै बिगाड़नै की सोचै हैं। 8 पर जो अच्छी खबर हमनै पैले तुमकै सुनाई ही बाकै छोड़कै अगर हम या सुरगदूत बी कोई दूसरी अच्छी खबर सुनावै हैं तौ उनके ऊपर सराप पड़ै। 9 जो बात मैंनै तुमकै पैलेई बोलर खाई हीं, बेई बात मैं फिर बोलौ हौं कै, जिस अच्छी खबर कै तुमनै मानो हो, बाकै छोड़कै अगर कोई तुमकै दूसरी अच्छी खबर सुनाऐ तौ बाके ऊपर सराप पड़ै। 10 का मैं आदमी की ओर सै अपनी बड़ाई चाँहौ हौं या परमेसर की? का मैं आदमिऔ कै खुस कन्नै के ताँई लगो रैहबौं हौं? अगर मैं अब तक लोगौ कै खुस करतो रैहतो तौ मैं मसी को सेवक ना होतो। पौलुस चेला कैसे बनो 11 पियारे बिसवासी लोगौ, मैं तुमकै जौ साप-साप बता दैनो चाँहौ हौं कै जो अच्छी खबर जिसकै मैंनै तुमकै सुनाओ, बौ किसी आदमी की ओर सै ना है। 12 जौ अच्छी खबर ना तौ किसी आदमी की ओर सै मैंकै मिली, और ना किसी नै मैंकै सिकाओ है, पर बौ ईसु मसी के परकट होनै के दुआरा मैंनै पाई है। 13 तुमनै जौ बात बी सुनी होगी कै जब मैं यहूदी रीती रिबाज के हिसाब सै जिन्दगी जीवै हो तौ मेरो चाल-चलन कैसो हो। मैंनै परमेसर के बिसवासिऔ की मंडली के लोगौ कै भौत सताओ और उनकै नास कन्नै की कोसिस करी। 14 मेरे उमर के लोगौ मै यहूदी धरम के नियम कै माननै के ताँई मैं अग्गे हो, और जो रीति-रिबाज बापदादौं सै चले आ रए हे, उनके ऊपर चलनै मै मैं भौत जोसीलो हो। 15 पर परमेसर नै मैंकै तबई चुन लओ हो जब मैं अपनी अईया के गरब मै हो, और बानै अपने किरपा के दुआरा मैंकै बुलाओ हो, 16 और अपने लौंड़ा कै मैं मै परकट करो जिस्सै कै मैं गैर यहूदी लोगौ के बीच मै बाके लौंड़ा की अच्छी खबर को परचार करौं, तौ मैंनै तुरन्त जाकै किसी आदमी की सला ना लई। 17 और ना ऐरूसलेम मै उनौके धौंरे गओ जो मैंसै पैले भेजे भए चेला हे। मैं तुरन्त अरब देस कै चलो गओ और बाद मै दमिसक सैहर मै लौहटकै आ गओ। 18 फिर तीन साल के बाद मैं ऐरूसलेम मै पतरस सै मिलनै गओ और पन्दरै दिन तक मैं बाके धौंरे रैहओ। 19 और बहाँ परभु के भईया याकूब के अलाबा, किसी दूसरे खास भेजे भए चेला सै मैं ना मिलो। 20 परमेसर मेरो गभा है कै मैंनै तुमकै जो कुछ बात लिखी हैं बे सच्ची हैं। 21 जाके बाद मैं सीरिया और किलिकिया के इलाकेऔ मै गओ। 22 पर यहूदिया की मसी बिसवासिऔ की मंडलिऔ के लोगौ नै मैंकै कबी ना देखो हो। 23 पर उन्नै मेरे बारे मै सिरप जौ सुनो हो कै, “जौ आदमी पैले हमकै सताबै हो, बौई अब बिसवास के बारे मै परचार कर रओ है, जिसकै बौ पैलेई मिटानै की सोचै हो।” 24 और जो काम परमेसर नै मेरी जिन्दगी मै करे हे बाकी बजै सै बे परमेसर की बड़ाई करै हे। |
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