पर जोकोइ मिर उपर बिश्वास नाए करत हए, उनके पज्रत आगीमे और गन्धकमे फेँकदओ जाबैगो, जोकी दुस्री मृत्यु हए। और जहे हालत उनको फिर होबैगो, जौन आदमीनके अग्गु मोके स्वीकार करनसे डरात हएं, खराब काम करत हएं, जो हत्या करत हएं, व्यभिचार करत हएं, जादु करत हएं, और मूर्तिनको पुजा करत हएं या ठगत हएं।”