39 दुस्रो फिर उइसी हए, ‘तुम अपन परोसीके अपनए कता प्रेम करीयओ।’
39 फिर ऐसिये दुसरी आग्या जौ है: ‘अपने परोसी से बैसिये प्यार कर जैसे तुम अपने आप से करथौ।’
अपन अइयादौवक आदर करिए, और अपन परोसीके अपनए कता प्रेम करिए।”
महान और पहिलो आज्ञा जहेहए।
और दुस्रो सबसे महत्वपूर्ण आज्ञा जा हए: दुस्रेनसे फिर अपनए कता प्रेम करियओ। परमेश्वरके जे दुई आज्ञा मैसे बडो आज्ञा कोइ नाएहए।”
तुमए सबके सिर्फ एक बातको कर्जीदार होनचाहो और बो जा हए, कि तुम सब एकदुस्रेसे प्रेम करओ, काहेकी दुस्रेनके प्रेम करन बारो इकल्लो मोशाको नियम कानुन पुरा करे होतहए।
हम मैसे सबएके अप्ने सँगी बिश्वासीनको मनके खुस करनको काम करएं और दुस्रेन्को बिश्वासके मजबुत करनमे मदत करएं।
काहेकी सब नियम कानुनको निष्कर्ष एक बचनमे पुरो भओ हए, “तए अपनो परोसीसे अपनए कता प्रेम करिए।”
जहेमारे जहाँ तक मौका मिलए, हम सब आदमीनके सँग भलाइ करएं; खास करके सँगी बिश्वासीनके ताहीं।
अगर तुम नेहात्तओ “अपनो परोसीसे अपनए कता प्रेम करियओ,” करके लिखो भओ पबित्र-शास्त्रको सबसे महत्वपूर्ण नियम कानुनके पालन करत हओ कहेसे तुम ठिक काम करत हओ।