24 जा सुनके दसौ जनै बे दुई भइयासे दिक्काइगए।
24 जब बाके चेला जौ सुनी, तौ दसौ चेला बे दोनों भईय्यन ऊपर गुस्सा भै।
बा कही, “मिर कटोरा तुम पिइहओ, पर मिर दहिना और दिब्रा घेन बैठन देन बारी बात मिर हातमे नैयाँ। जा ठाउँ बिनके ताहीं हए, जौनके ताहीं मिर दौवा तयार करडारी हए।”
तओ येशू बिनके अपने ठिन बुलाएके कही, “तुमके पता हए, कि अन्यजातिके सासक बिनके उपर निरङकुस शासन करैगो, और बणे-बणे बिनके उपर अधिकार जमएहएं।
तओ जा देखके येशू गुस्साइगओ और उनसे कही, “छोटे बालकनके मेरे ठिन आनदेओ, बिनके मत् रोकओ, काहेकी परमेश्वरको राज्य उनके ताहीं हए, जौन जे बालका कता बिश्वासयोग्य और नम्र हएं।
जा सुनके दशौ चेला याकूब और यूहन्नासे गुस्साइगए।
जहेमारे कि येशू पबित्र दिनमे बोके अच्छो करी रहए, तओ यहूदी सभाघरको मुखिया गुस्साएके आदमीनसे कहान लागे, “एक हप्तामे छ दिन काम करनके ताहीं हमके अनुमति हए। तभीमारे जाके छ दिनमे आएके अच्छो करियओ, पर पबित्र दिनमे नाए।”
जो आदमी दुस्रेनसे प्रेम करत हएं, बे धर्य पुर्बक और दयाके साथ काम करत हए, उनके गुस्सा नाए लागतहए, और बे घमण्ड नाए करत हएं और उनके गर्व नाए होतहए।
स्वार्थ और घमण्डके ताहीं कुछ मत् करओ, पर नम्र हुइके एक-दुस्रेके अपनेसे जद्धा जरुरी समझओ।
पर अगर तुम अपने-अपने मनमे बहुत जलन होनो और स्वार्थ हए, कहेसे तुमर घमण्ड एक झुटो हए, जौन सच्चाईके लुकात हए।
उइसीयए जवान आदमीउ, बुढेनके अधीनमे बैठओ। तुमके सब नम्रतासे एकदुस्रेनके मदत करन पणत हए। काहेकी पबित्र-शास्त्रमे लिखो हए, “परमेश्वर घमण्डीनके बिरोध करत हए, पर नम्र आदमीनके बा अनुग्रह करत हए।”