बो कही, “तए परमप्रभु, अपन परमेश्वरके अपन सारा ह्रदयसे, अपनो सारा प्राणसे, अपन सारा समझसे और अपनो सारा मनसे प्रेम कर, और अपनो परोसीके अपन कता प्रेम कर।”
काहेकी मोशाके ब्यवस्थामे बहुत आज्ञा हएं जैसे कि “तए व्यभिचार मत् करीए, तए हत्या मत् करीए, तए चोरी मत् करीए, तए लोभ मत् करीए,” और जे आज्ञा बाहेक बाँकी औ सब आज्ञाको सारांश जहे आज्ञामे पाओ जातहए, “दुस्रेनसे फिर अपनए कता प्रेम करियओ।”