30 परमेश्वर तुमर जीबनके हर बातको वास्ता करत हए। परमेश्वर जा फिर जानत हए कि तुमर मुणमे कित्नो बार हएं।
30 और तुमरे मूड़ के एक बार तक भी सब गिने भै हैं।
परमेश्वर तुमर जीबनको हर चीजके वास्ता करत हए। बा जा फिर जानत हए, कि तुमर मुणमे कित्का बार हएं। जहेमारे मत् डराबओ, बेढम गरगओटासे तुम बहुत मूल्यवान हओ।”
पर तहुँफिर तुमर मुणको एक बार टुटन तक फिर नुक्सान नाए हुइहए।
अब तुमके मिर बिन्ती हए, कुछु-कुछु खाओ काहेकी बचनके ताहीं त खानए पणतहए। मत् डराबओ, काहेकी तुम मैसे कोइको फिर मुणको एक बार फिर नाश नाए होबैगो।”