40 मुरख आदमीयओ, जौन बाहेरको भाग बनाइ, का बहे भितर फिर नाए बनाइ?
40 मूर्ख! परमेस्वर जो बाहर को हिस्सा बनाई, का बौ भीतर को हिस्सा ना बनाई?
मुरख और अन्धरओ, कौनछो बडो हए? ‘सोनो’ कि ‘सोनोके पबित्र बनान बारो यरूशलेमको मन्दिर?’
हे अन्धरा फरिसीनको समुहओ, तुम पहिले कटोरा और थरियाके भितर सफा करओ, तओ बिनके बाहिर घेन फिर सफा होबए।
पर परमेश्वर बोसे कही, ‘ए मुरख! आज रातके तए मरजाबैगो; और बे चीजके कौन लेबैगो, जौनके तए अपन ताहीं इकट्ठा करो हए?’
तओ येशू दुनौ चेलासे कही, “हे मुरख आदमी! जो कुछ परमेश्वरके अगमबक्ता पबित्र-शास्त्रमे लिखिहएं, तुमके बोमे बिश्वास करन बहुत अग्ठो लागतहए।
मिर जबाफ हए, हे बिना बुद्धिके आदमी, जब एक बीज बोतहएं, तओ पेण बननसे पहिले बीज गाइब हुइजात हए।
और हमर शारीरिक दौवा फिर हमके सजाय दइ और हम बोको आदर करे। जहेमारे हमर आत्मिक दौवाके अधिनमे बैठन औ जद्धा महत्वपूर्ण हए, ताकी हम जीबन पाए सकएं।