21 पर येशू जौन मन्दिरके बारेमे बतात रहए, बो बाकी शरीर रहए।
21 ईसु जो मंदिर के बारे मैं कहत रहै बौ अपनी सरीर के बारे मैं कही रहै।
जोके बचन कहोजात हए, बो एक आदमीके रुपमे आओ, और अनुग्रहसे और सत्यसे भरिपूर्ण हुइके हमर बीचमे बास करी। और हम बाको अइसो महिमा देखे, जौन महिमा दौवाको एक लौंणाके इकल्लो रहात हए।
फिर जब येशू मरके जिन्दा भओ, तओ येशूकी कहीभइ बात चेलनके याद आइगओ; तओ बे पबित्र-शास्त्रमे, येशू मरके जिन्दा होनोके बारेमे लिखो बचनके और येशूकी कहीभइ बातमे बिश्वास करीं।
निश्चित रुपसे तुम जानत हओ, कि तुम अपनए परमेश्वरके मन्दिर हओ, और परमेश्वरको पबित्र आत्मा तुममे बास करत हए।
तुम जरुर जानत हओ, कि तुमर शरीर मन्दिर हए जोमे पबित्र आत्मा रहात हए; जो तुममे बास भओ हए और तुमके परमेश्वरके घेनसे मिलो हए, और तुम परमेश्वरके हओ।
मूर्तिनसे परमेश्वरको मन्दिरसे का सम्बन्ध? काहेकी हम जीवित परमेश्वरके मन्दिर हएं, जैसे परमेश्वर पबित्र-शास्त्रमे कही हए, “मए बे आदमीनके सँग रहामंगो, और उनके बीचमे नेँगघुम करंगो; और मए उनको परमेश्वर होमंगो, और बे मेरे आदमी होमंगे।”
काहेकी दौवा परमेश्वरको खुसी जहेमे हए, कि परमेश्वरको पुरो सृष्टि ख्रीष्टमे बास करए।
काहेकी जब ख्रीष्ट आदमी बनो, तओ बा पुरो रुपसे परमेश्वर रहए। तभीमारे तुम जे आदमीनसे अपनएके धोखा मतदेओ,
आदमीनके नाए, पर परमप्रभुको खडा करोभओ पबित्र ठाउँ जो स्वर्गमे हए, साँच्चो पबित्र बासस्थानमे बा सेवक होत हए।