राजा हेरोद टुरोस और सिदोन सहरके आदमीनसे बहुत दिक्काइगओ रहए। जहेमारे बे सहरके आदमी राजा हेरोदसे मिलनके ताहीं एक समुहके रुपमे आए। सबसे पहिले, बे बलस्तससे मदत मागीं जो कि राजाको निजि करमचारी रहए। तओ बे राजा हेरोदसे शान्ति स्थापनाके ताहीं कहीं। काहेकी अपन खानुको पूर्ति करनके ताहीं बे राजा हेरोदको देशमे भर पणे रहएं।