50 का मए अपनए जे सब चीज नाए बनाओ?’
50 का जे सब चीज मेरे हात की बनाई भइ नाय हैं?’”
“ए आदमी, तुम का कार्त हओ? हम फिर त तुमही कता दुख सुख भोगेभए आदमी हएं, और तुमके अच्छो समाचार सुनात हएं, कि तुम जे व्यर्थ चीजसे अलग हुइके जिबित परमेश्वरके घेन आबओ, जो बादर, पृथ्वी और समुन्दर और जो कुछ फिर उनमे हएं, सबके बनाइ हए।
“संसार और जामे भए सब चीज सृष्टि करन बारो परमेश्वरए बादर और पृथ्वीको मालिक हए। बा आदमीको बनाओ भओ मन्दिरमे बास नाए करत हए।