आदमी हमके मुरख सम्झत हएं काहेकी हम ख्रीष्टके बारेमे परचार करत हएं, पर गल्तीसे तुम सोँचत हओ, कि तुम बहुत बुद्धिमान बिश्वासी हओ! बहुत सारे आदमी सोँचत हएं, कि हमरे ठिन कोइ अधिकार नाए हए। पर तुम घमण्डसे कहात हओ, कि तुमर ठिन परमेश्वरको शक्ति हए। आदमी हमर सम्मान नाए करत हएं पर बे तुमर सम्मान करत हएं।
अब बो प्रश्नके बारेमे, जौन बात तुम अपन चिट्ठीमे लिखे रहओ: का मूर्तिनके अग्गु बलि चढाओ भओ खानु बारी चीजके खान सही हए? हम जान्त हएं, कि हम सबके ठिन ज्ञान हए: ज्ञानसे घमण्ड आत हए, पर प्रेमसे उन्नति होत हए।
मए जान्त हओं, कि तए का करत हए, तए कैसे कडा मेहेनत करत हए और कभी हार नाए मानत हए। और मए जा फिर जान्त हओं, कि तए बुरे आदमीनको झुठी शिक्षनके नाए सहिपात हए। तए बे आदमीनके जाँचो हए जो कहात हएं, कि बे चुनेभए चेला हएं। पर बास्ताबमे बे नाए हएं, और तए जानो, कि बे झुठे हएं।