और तुम मूर्ति पूजन बारे मतबनओ; जैसे कि बिन मैसे कितने मूर्ति पूजन बारे बनिगए रहएं, जैसे पबित्र-शास्त्र कहात हए, “आदमी खान पिनके ताहीं भोजमे बैठिगए, और फिरसे अनैतिक काम करनके ताहीं उठीगए।”
काहेकी बे आदमी दुस्रे जनैनके बतात हएं, कि जब हम तुमर ठिन आए तओ तुम कैसे हमर स्वागत करे। और जा फिर बतात हएं, कि कैसे तुम मूर्तिपुजाके छोडके परमेश्वर घेन घुमे, ताकी तुम जिन्दा और सच्चो परमेश्वरके सेवा करओ।
और बाँकीके आदमी, जो बे हानिकारक घोडनके द्वारा नाए मारे गए, बे अपनी सोनो, चाँदी, पितर, पत्थर और लकणीकी मूर्तिके पुजा करनके नाए छोडीं, जो बे बनाइ रहएं। जे मूर्ति नए देख पातहएं, नए सुनपात हएं और नए नेँगपात हएं। बे भुतनके फिरसे आराधना करनके नाए छोडीं।