11 जिथुकै पौरमेशवर सौबी लोगौ का न्याय ऐकैई तरीकै शै कौरौ।
11 किन्देंखे के पंणमिश्वर कोसी आरी भेद्-भाव ने करदा।
पौरौ तिनुऐ आपणै चैलै खै हेरोदियों कै साथी तैसकै धोरे ऐजौ बौलदा भैजा, “ओए रै गुरुजी, आमै जाणुए, कै तू साचा औसौ, औरौ कोसी कै पोरवा ना कौरे कै लोग मुखै का बौलल़ै; औरौ पौरमेशवर कै बाट सोच्चाई शै शिखांए। जिथुकै तू आदमी कै मुं दैखैयो बातौ ना कौरे।
तिनुऐ तैसीयांदो ऐजौ पूछु, “ओए रै गुरुजी आमु जाणुए कै तू ठीक बौल़ै, औरौ शिखाए बै औसौ औरौ कोसीआरी भैदभाव ना कौरे; औरौ पौरमेशवर कै बाट सौचाई सै बौताए।
तोबै पतरसे बौल़ौ, ऐबै मुखै बिशवाश हौए गौआ, कै पौरमेशवर कोसी का पक्ष ना लोंव,
तौ आमै इनु बातौ कै बारै मुंजी का बुलू? का पौरमेशवर अन्यायी औसौ जौल़ौ सै चांव तिनु चुणो? ना! बिल्कुल नी!
तोबै यरूशलेम शहर कै कलीसिया कै तिनु अगुवे मैरै शिक्षा दै किछै बै मिलावट ना कौरी, मुखै इयौं बातौ लैई किछै फर्क ना पौड़ौ कै सैजै अगुवे किशैक रुतबे वाल़ै मानै जांव थिए, जिथुकै पौरमेशवर बायरौ का रुप दैखैयो न्याय ना कौरौ।
ऐशैखैई ओए रै मालिक, तुऐं बै तिनु धमकियां नी दैंव पौरौ आपणै दास कै प्रति आछै बौणौ। जिथुकै तुऐं जाणौए, कै तिनका औरौ तोंवारा दुईनै का मालिक स्वर्ग दा औसौ, औरौ सै कोसी का पक्ष ना कौरौ।
जिथुकै जू कुणिए बुराई कौरदा रौंव, पौरमेशवर तैसी सौजा दैंदा। पौरमेशवर कोसी का भैदभाव ना कौरौ।
पौरमेशवर जाणौए कै हरेक आदमीए का-का कौरे राए, औरौ सै सौबी आदमी का न्यांव बिना कोसी भैदभाव कै कौरौ। जोबै तुऐं पौरमेशवर शै प्रार्थना कौरौ तौ तैसी पिता बौल़ौ। इथकारिए जोबै कै तुऐं धोरती पांदी ऐक प्रदेशी हौयौ रौंव तौ तुऔं पौरमेशवर का डौर मानैयौ तैसका बैजाए आदर कौरणा चैंई।