46 जिथै तिनका कीड़ा ना मोरो औरौ आग ना हिशौ।
46 (जेथै ना तअ नंरक का किड़ा कद्दी मरदा, अरह् ना तेथै के आग कंद्दी भे हिष्दी।)
पाप कौरणौ कै सौब बौजैह खै आपणै जिन्दगी शै दूर कौरौ, जैशैकै तैरा लात तांव लैई पाप कौरांव तौ तैसी काटै दै। लोंगड़ा हौयौ स्वर्गो दो जाणौ ताखै ठीक औसौ। इथकै बौजैह कै दो लात हौंदै बैई नरको दा पांव।
जै तैरै आख तांव लैई पाप कौरांव तौ तियौं निकाल़ै दै। काणा हौयौ पौरमेशवर कै राज्य दो जाणौ ताखै इदु ठीक औसौ कै दु आखी हौंदै बैई बै नरको दा फेराकाए जांव।
तोबै तैणै तैसीकै जोर शै बौल़ौ, ‘ओए रै बापू अब्राहम, मुं पांदी दया कौरेयौ लाजर कै छाड़ै दै, कै सै आपणी गुठी कै पाणी मुंजी बिजोयो मैरै जीभो कै शैल़ै कौरौ, जिथुकै हांव ऐसी आगी कै पीड़ो दा तौड़पे रौआ।’