25 औरौ भीड़ौ मुंजी ऐक बैटमाणिश थी, जियौं खै बारौ सालो शै लोऊ बौणौ का रोग थिया।
25 तियों भीड़ो मुँझी ऐक तिरंऐ थी, जिंयाँरे बारह् सालो शा ऊबा लह्ऊँ ढाल़ा थिया।
तोबै सै तैसकै साथै हौटा; औरौ बौड़ै भीड़ तैसकै पौछौड़ियौ हौए गौए, औरौ लोग तैसी पांदी रिड़ै जांव थिए।
औरौ सै वेदो शै इलाज कौरांदे-कौरांदे बौहितै दुखी हौए गौए थी, औरौ आपणा सौब रुपीया लाएबा बै तियौंखै किछै बै आराम ना पौड़ी रैई थी, पौरौ ठीक हौणौ कै बजाय औरौ जादा बीमार पौड़ै गौए थी।
तिथै ऐक ऐशणी बैटमाणिश थी, जियौं दै अठारो सालो दी ऊंडी अपंग कौरणौवाल़ै ऐक दुष्टआत्मा थी, औरौ सै कुबड़ी हौए रोए थी, औरौ कैशैकैई बै सीधी नै हौए सौकौ थै।
जिथुकै जू आदमी, अनौखै निशान शै ठीक हौए रौआ थिया, सै चाल़ीश सालो दा जादा उमरे का थिया।