2 औयतवार कै झीशो जोबै सुरज निकल़ै ही रौआ थिया, सैजी कब्रो पांदी ऐई,
2 बिषाँव के देसो पाछ़ी आगले हपते भेंयाँसरंह् दी जबे चिल्की लागी, तअ से तेसी ओराड़ो की खात्ती कैई आई।
विशांव कै दूसौ कै बाद हफते कै आगलै दूसै झीशीं दी मगदेला गांव कै मरियम औरौ दूजै मरियम क्रब खै दैखदै आए।
जोबै विशांव कौ दूस बीतै गौ, तौ मगदेला गांव कै मरियम, औरौ याकूब कै माँ मरियम, औरौ सलोमी बोड़िया बांसोवाल़ौ तेल मोलै लोयो आई, तोबै यहूदी भोवार कै हिसाब शै यीशु कै लाशो पांदी मुल़ौ।
औरौ आपी मुंजी बौल़ौ थी, “आमु कारिए कब्रो कै दवारो पांदी दा पाथर कुण हौटालै?”
पौरौ औयतवार कै झीशीं सै तिनु खुशबू वाल़ी चीज़ौ कै जू तिनुऐ तैयार कौर रैई थी, लोयो कब्रो पांदी ऐई।
औयतवार कै झीशीं, मगदेला गांव कै मरियम इनारै दी कुणजी ओकी बैटमाणिशौ कै साथै कब्रो दी ऐई, औरौ पाथर खै कब्रो कै दवारो पौरैशा हौटाएयौंदा दैखा।