22 औरौ साती कैंई ओलाद ना होई। सौबी कै बाद सैजी विधवा बैटमाणिश बै बेओलाद मौरे गौए।
22 अरह् से सात्ते भाऐ तेशे ही दाँई मरे अरह् तिनू सात्ती भाई पाछी सेजी तिरंऐ भे मरी गऐ।
तोबै दूजै भाइड़ीए तियौं विधवा आरी बियाव कौरा औरौ सै बै बेओलाद मौरे गौआ; औरौ तैशैखैई तिजै बै कियु।
ऐबै, आमुखै बोता जै मौरेयौंदे का जियुंदी हौणौ पांदी सैजी विधवा बैटमाणिश, जू साती भाईड़ीआरी बियाए रौए थै, सै तिनुमुंजी दै कोसके घोरवाल़ी हौलै?”