32 जोबै सै किश्ती पांदी ओऊवा, तौ हवा रौकै गौए।
32 जबे से दुईनें नाँव दे बऐठी गुऐ, तअ बागुर फीर्णी बंद हऐ गऐ।
यीशुए तौलोंई आपणा हाथ बोढ़ायो तैसीखै थामा, औरौ तैणै बौल़ौ, “ओए रै कम बिशवाश कौरणौवाल़ै, तुऐं किथुखै शक कौरा?”
इथपांदी जू किश्ती दै थिए, तिनुऐ तैसीखै झोकैबा ढाल़ कौरेयौ बौल़ौ, “तू सौथी कै, पौरमेशवर का बैटा औसौ।”
चैलै बौहितै ही डौरे गौवै औरौ आपी मुंजी बौल़ौ, “ऐजा कैशणा आदमी औसौ? कै हवा औरौ फालो बै काबू दै कौरे सौकौ!”
तोबै सै तिनकै धोरे किश्ती पांदी ओऊवा औरौ हवा रौकै गौए औरौ सै बौहितै हैरान हौए गौवै।
तोबै सै तैसी किश्ती पांदी चौढ़ाणौ कारिए तैयार हौवे, औरौ तावल़ै सैजी किश्ती तैसी जौगैह पांदी पौऊंचै जिथै सै चालै रौवै थिए।