46 तोबै चैलै आपी मुंजी बैहस कौरदै लागै कै आमु मुंजी बौड़ा कुण औसौ?
46 तबे चैले मुँझी ऐजी होढ़ लागी, के आँमों मुँझी सोभी शा बड़ा कुँण असो।
जैशणा प्यार आपणै परिवार आरी कौरौ तैशणाई प्यार ओकीआरी बै कौरौ; आपी मुंजी आदर कौरणौ दै ऐकी दूजै शै बौढ़ेयौ चालौ।
जिथुकै हांव तैसी अनुग्रह कै बौजैह शै जू मुखै भैटी रौआ, तुऔं मुंजीदै सौबी कै बुलू, कै जैशै सौमझणौ चैंई, तिदै बौढ़ेयौ कुणिए बै आपी कै ना सौमझौ; पौरौ जैशै पौरमेशवरे आमु कै जैतरा बिशवाश दैय राए तिथकै हिसाब शै, तैशैखैई सुबुध्दि कै साथै आपी कै सौमझौ।
सौबै काम बिना कुड़कुड़ाए औरौ बिना बैहस कै कौरेया कौरौ।
स्वार्थ औरौ घमण्ड कारिए किछै ना कौरौ, पौरौ दीनता शै ऐकी दूजै कै आपी शै जादा आछोड़ै सौमझौ।
मोऐं आगै बै तोंवारै कलीसिया कै बिशवाशियौं कै ऐक चिट्ठी लैखै राए थै, पौरौ दियुत्रिफेस मैरी बातौ कै मानणौ शै मोना कौरौ जिथुकै सै सौदा शै खुद ही कलीसिया का ठोगड़ा बौणणौ चांव।