30 जोबै तिंदा तुणा निकल़ी जांव; तौ तुऐं जाणै पांव, कै गर्मी का सौमय नेड़िक औसौ।
30 जबे तिन्दें तुँणें फाटो, तअ तबे तुऐं जाँणी पाले; के गर्मी की रीत्त नंजीक असो।
“अंजीर कै डाल़ो कैईंदा ऐजा उदारण शिखौ जोबै तिथकी डाल़ी नोरम हौए जांव, औरौ पात निकल़दै लागौ; तौ तुऐं जाणै पांव, कै गर्मी का सौमय नेड़िक औसौ।
तुऐं आपी ही तय कौरणौ चैंई कै तुऔं कारिए का कौरणौ ठीक औसौ?
तैणै तिनु ऐक उदारण बै दिया, “अंजीर कै डाल़ो औरौ सौबी डाल़ो कै दैखौ।
आपी खै पोरखौ, कै बिशवाश दै औसौए कै ना; आपी खै पोरखौ, ऐजौ दैखणौ कारिए कै तोंवारा बिशवाश साचा औसौए कै ना, का तुऐं आपणै बारै मुंजी ऐजौ ना जाणौ, कै यीशु मसीह तुऔं दा औसौए? नही तौ तुऐं बैकार निकल़ै रौवै।