23 सै ऐजौ शोणेयो बैजाए उदास हौए गौआ, जिथुकै सै बैजाए सैठ थिया।
23 ऐजो शुँणियों सेजा आदमी बैजाऐ दु:खी हुवा, किन्दें खे के से बैजाऐ सैठ-धंनवाँन थिया।
पौरौ सैजा जवान ऐजै बात शोणेयो उदास हौआ औरौ तिथैदा आगु हौटा, जिथु सै बैजाए सैठ थिया।
यीशु की बातौ खै शोणेयो सैजा आदमी उदास हौए गौआ, औरौ दुखी हौयौ तिथैदा आगु हौटा, जिथुकै सै बैजाए सैठ थिया।
औरौ तैणै तैसीकै बौल़ौ, “चौकश रौया, औरौ सान्त-भान्तै लालच शै आपी कै बौचाए राख; जिथुकै कोसी कै जिन्दगी तैसकै बौहितै जायदात हौणौ की बौजैह शै ना हौंदी।”
ऐजौ शोणेयो, “यीशुए तैसी बौल़ौ, ऐबै बै तांव दै ऐकी बातौ की कमी औसौ, आपणौ सौबै ठुँ बिकैयो गोरीबो कै बांडै दै, तौ ताखै स्वर्गो दा धन भैटला, औरौ आयौ मैरा चैला बौणै जा।”
यीशुए तैसी दैखैयो बौल़ौ, “सैठ का पौरमेशवर कै राज्य दौ जाणौ केतरो मुशकिल औसौ।
जक्कईए खाणौ कै बाद खौड़ै हौयौ प्रभु यीशु खै बुलो, “ओए रै प्रभु यीशु, दैख, हांव आपणै आधै जायदात गरीबो कै दैय दियु, औरौ जै मामला लोणो मुंजीदै कोसी कौ किछै बै धौखै शै लोए राए तौ हांव तिथु चार गुणा पाछु दैय दैंदा।”
“इथकारिए चौकश रौया, ऐशै नी हौं कै तोंवारा मन सुख-विलास, नशा औरौ दुनिया की चिन्ताओ शै सुस्त हौए जांव, औरौ ऐजै दूस तुऔं पांदी फांदै साए एकदम आए जांव।
जू झाड़ी मुंजी छुटै, ऐजै सैजै लोग औसौ, जू शुणौ तौ औसौए, पौरौ औगौड़ियौ चालैयौ आपणै जीवन कै चिन्ता, औरौ धन-दोलत औरौ जिन्दगी कै सुख चैन दै फोशे जांव, औरौ सै बिशवाश दै मोजबूत ना हौंव पांव।
जिथुकै तुऐं ऐजौ आछै शै जाणौ कै कुणजाई गौलत सौमबंध बाणणौवाल़ा, या अशुध्द आदमी, औरौ लालची आदमी ऐक मूर्तिपूजक कै जैशणा औसौ, जू लोग इयौं दुनिया कै चीज़ौ कै आराधना कौरौ। ऐशणै काम कौरणौवाल़ै लोग कौलोंई बै मसीह औरौ पौरमेशवर कै राज्य कै औधिकारी ना हौंदै।
जिथुकै हांव मसीह यीशु प्रभु कै जाणणा चोऊं जू बाकी सौबी चीज़ौ शै कीमती औसौ औरौ हांव सौबी चीज़ौ कै बैकार सौमझु। जिथकै बौजैह शै मोऐं सौबी चीज़ौ कै छोड़े दी औरौ तिनु साट कोबाड़ सौमझु ताकि हांव मसीह कै जादा जाणै पोऊँ।
इथकारिए आपणै बुरै कामौ कै कौरणा बन्द कौरौ जू तोंवारै पापी स्वभाव शै जोड़े रौवै। जैशै गौलत सौमबंध, अशुध्दता, बुरै कामना, बुरै इछा। लालचै नै बौणैया जू कै मूर्तिपूजा कौरणौ कै बराबर औसौ।
तुऐं दुनिया शै औरौ दुनिया की चीज़ौ आरी प्यार ना राखौ। जै कुणिए दुनिया आरी प्यार कौरौ, तौ तेसिदा पिता पौरमेशवर का प्यार ना आथी।