44 तिनुमुंजी किछै लोग तैसीखै थामणा चांव थिए, पौरौ कुणिए बै तैसी गिरफ्तार ना कौरी।
44 किऐ लोग प्रभू यीशू थाँहम्बड़ियों बाँनणें चहाँव थिऐ; परह् कुँणिऐं तिनदी पाची ने पाई।
तोबै फरीसी लोग बायरै जाएयो तैसकै खिलाफ बात कौरदै लागै, की तैसी कैशैखै मारी?
इथपांदी नेताए तैसीखै थामणा चोऊवा तौ बै कोसीए तैसी गिरफ्तार ना कौरी, जिथु तैसखै मौरणौ का सोही सौमय इबी तौड़ी ना आए रैई थी।
ऐजी बातौ तैणै मन्दिरो कै आँगणो दी उपदैश दैंदै बैई भण्डार घोरो दी बुली, औरौ कोसीए तैसीखै ना पाकड़ी जिथु तैसका दुख सोणो का सौमय इबी तौड़ी ना आए रैई थी।
जिथुकै हांव तांव साथी औसौ, औरौ कुणिए तांव पांदी चौढ़ाए कौरेयौ तैरा नुकसान ना कौरदा; जिथुकै ऐसी शहरो दै मैरै बौहितै लोग औसौ, जू मुं पांदी भोरोशा कौरदै।
तैसी रातै प्रभु यीशुए पौलुस कै धोरे खौड़ै हौयौ बौल़ौ, “ओए रै पौलुस सब्र राख; जिथुकै जैशणै तुऐं यरूशलेम शहर दै मैरै गवाही दै, तैशैखैई ताखै रोम देश दै बै गवाही दैणी पौड़दै।”