20 पौरौ तैणै तिनुखै बौल़ौ, “हांव औसौ, डौरेया नै।”
20 परह् प्रभू यीशू ऐ चैले खे बुलो, “हाँव असो, डरे ने।”
तैणै तिनुखै बौल़ौ, “हैरान नी हौया, तुऐं यीशु कै जू नासरत गांव का औसौ, जू क्रूसो पांदी चौढ़ाया गौआ थिया, जैसी तुऐं जौए लौआ। सै मौरेयौंदे मुंजीदा जियुंदी हौए गौआ, सै इथै ना आथी; दैखौ, ऐजाई सैजा ठाँव औसौ, जिथै तिनुऐ तैसीखै धोरे राए थिया।
जिथु सौबै तैसी दैखैयो घबराए गौवै थिए। पौरौ यीशुए तौलोंई तिनुआरी बातौ की औरौ बौल़ौ, “हिम्मत राखौ: हांव औसौ; डौरेया नै।”
जोबै सै किश्ती चोलांदै-चोलांदै पाँच-छौ किलोमीटर कै लमसम निकल़ै गौवै, तोबै तिनुऐ यीशु खै झीलो पांदी चालदै औरौ नांव कै नेड़िक आन्दै दैखा औरौ डौरे गौवै।
तोबै सै तैसी किश्ती पांदी चौढ़ाणौ कारिए तैयार हौवे, औरौ तावल़ै सैजी किश्ती तैसी जौगैह पांदी पौऊंचै जिथै सै चालै रौवै थिए।