17 इनु बातौ की आज्ञा हांव तुऔं इथकारिए दियु कै तुऐं ऐकी दुजैआरी प्यार राखौ।”
17 मेरी अज्ञाँ ऐजी असो, के “तुऐं ओका ओकी आरी प्यार करह्।
हांव तुऔं ऐक बौड़ै आज्ञा दियु, कै ऐकी दुजैआरी प्यार राखैया। ऐशैखैई जैशै मोऐं तुऔं आरी प्यार राखा, तैशैकैई तुऐं बै ऐकी दुजैआरी प्यार कौरेया।
“मैरी आज्ञा ऐजी औसौ, कै ऐशैखैई जैशै मोऐं तुऔं आरी प्यार कौरा, तैशैकैई तुऐं बै ऐकी दूजै आरी प्यार राखौ।
सौबी का आदर कौरौ, आपणै सौबी बिशवाशी साथी आरी प्यार राखौ। पौरमेशवर दै डौरौ, राजा कै इज्जत कौरौ।
ऐबै ओए रै बोईण, हांव तांव कैईंदै बिन्ती कौरु कै आमु ऐकी दुजैआरी प्यार कौरणा चैंई। ऐजै कुणजै नोऐं आज्ञा ना आथी, पौरौ सैजै आज्ञा औसौ जियौं आमै तैसी सौमय शै जाणु जोबै आमुए मसीह कै मानणा शुरु कौरे राए थिया।