2 धोरती पांदी कै चीज़ौ पांदी ध्यान नै लाव पौरौ लगातार स्वर्ग की चीज़ौ कै बारै मुंजी सुंचदै रौंव।
2 धर्ती गाशली ने परह् स्वर्गिऐं चींजो गाशी आप्णा ध्याँन लाओं,
तैणै पाछु फिरैयौ पतरस खै बौल़ौ, “ओए रै शैतान, मैरै सामणै दा दूर हौए जा: तू मुं कारिए ठोकर कै बौजैह औसौ; जिथु तोंवारै बिचार आदमी कै जैशणै औसौ, ना कै पौरमेशवर कै जैशणै औसौ।”
आपी कारिए धोरती पांदी धन कौठौ नै कौरेया, जिथै कीड़ा औरौ काई बिगाड़ौ, औरौ जिथै चोर डाका पांव औरौ चुरांव।
औरौ तैणै तैसीकै बौल़ौ, “चौकश रौया, औरौ सान्त-भान्तै लालच शै आपी कै बौचाए राख; जिथुकै कोसी कै जिन्दगी तैसकै बौहितै जायदात हौणौ की बौजैह शै ना हौंदी।”
इथकारिए जोबै तुऐं दुनिया कै धन कारिए ईमानदार ना ठोहरी, तौ स्वर्ग कै धन कारिए कुण तुऔं पांदी भोरोशा कौरला?
हांव ना जाणु कै कोसी खै चुणु; जी तौ चांव कै मौरे जोऊं औरौ मसीह कै धोरे जायौ रोऊं, ऐजौ बैजाए आछौ औसौ।
जैशै पौरमेशवरे मसीह कै मौरेयौंदे मुंजीदा जियुंदी कौरा तैशैखैई तुऔं बै जियुंदी कौरे राए, इथकारिए तिनु चीज़ौ कै खोज़ दै लागैयौंदे रौंव जू स्वर्ग दी राखै रैई जिथै मसीह पौरमेशवर कै धोरे सौबिदा आदर वाल़ै जौगैह पांदी बौठै रौआ।
इथकारिए आपणै बुरै कामौ कै कौरणा बन्द कौरौ जू तोंवारै पापी स्वभाव शै जोड़े रौवै। जैशै गौलत सौमबंध, अशुध्दता, बुरै कामना, बुरै इछा। लालचै नै बौणैया जू कै मूर्तिपूजा कौरणौ कै बराबर औसौ।