32 तोबै सैनिके पागोई काटैयौ जीवनरक्षक किश्ती गिराए दै।
32 तबे फऊँजिऐं रंषें काटियों डोगी मतल्व नहाँन्ड़ी नाव ऊदी पाड़ी।
“मालिकै तैसी अधरमी भण्डारी कै तारीफ कौरे, कै तैणै चलाकी शै काम कौरे राए; जिथुकै ऐशैखैई दुनिया कै लोग आपणै सौमय कै लोगौ कै साथै बर्ताव कै मामलै दै पेयाशै कै लोगौ शै जादा चालाक औसौ।
तोबै तैणै पागोई का कोड़ा बाणैयो, सौबी भेड़ो औरौ बौल़ोद खै मन्दिरो पौरैशै निकाल़ै दियै, औरौ तैणै पौयसै बौदल़णौ वाल़ै लोगौ कै पौयसै, बिखराए दिए औरौ मैज़ पोल़टी दी,
तौ पौलुसे सूबेदार औरौ सैनिकौ खै बौल़ौ, “जै जहाजो कै कर्मचारी जहाज पांदी ना रौलै, तौ तुऐं बै ना बौचै सौकदै।”
जोबै झीश हौणौ पांदी थी, तौ पौलुसे ऐजौ बौलेयौ, खै सौबी खै खाणौ-खाणौ कारिए बिन्ती कौरे, “ऐलो चोऊदो दूस हुवे कै तुऐं फिकर कौर-कौरेयौ भूखै रौवै, औरौ किछै खाणौ नी खैई।