38 पौरौ जै सै मैरै शब्दो पांदी बिशवाश ना कौरौ, तौ तिनु पांदी बिशवाश नी कौरेया।
38 परह् जे कुँऐं ईनू बातो ने माँनो, तअ तेसी भे माँने ने।
तिनुखै जाणौ दैंव, सै आन्धै मार्ग खै दिखाणै वाल़ै औसौ: आन्धा जै आन्धा खै बाट दिखांव, तौ दुईनै गौढै दै छुटदै।”
तिनु लोगौ कै पौरमेशवर का सौंदेश नी शुणांव जू शुणणा ना चांव। जै तुऐं ऐशै कौरलै तौ ऐजौ ऐशैकै हौंदौ जैशै कोसी पवित्र चीज़ौ कै कुते कै औगौड़ियौ फेरकाए दैंव, औरौ जैशै सुंगरों कै आगै मौती बेगाणै, जू सिरफ तिनुखै दबाए दैंदै, औरौ पाछु तुऔं पांदी हमला कौरदै।”
जै कुणिए आदमी आपी खै पौरमेशवर कै बातौ बौताणौवाल़ा या ऐशणा आदमै सौमझौ जैसी पवित्र आत्माए वरदान दैय राए, तौ सै ऐजौ जाणै पाव कै मोऐं जू किछै तुऔं लैखै लौ, सैजी प्रभु की आज्ञाए औसौ।
इथकारिए ओए रै बिशवाशी भाईयों, पौरमेशवर कै हौणौवाल़ी बातौ कै वरदान कै इछा कौरदै रौंव, जौई-जौई भाषा बौलणौ शै मना ना कौरौ।