23 पंणमिश्वर ऐष्णों ईन्देंखे करह्, के से दया-रंय्म के तिनू बासंणों गाशी, आप्णी बड़ियाऐ के शाँन-शक्त्त पर्गट करणी चहाँव थिऐ, जिनू तिन्ऐ आप्णे संईसारी के शुरू शे ही आप्णी बड़ियाऐ खे ही तियार करी थुऐ थिऐ।
से ऋषी-एलिय्याह के आत्त्मा अरह् शक्त्ति दा प्रभू के आगे-आगे चाल्णों वाल़ा बंणियों, बाबा का मंन अलादी की ढबै फेरी देंदा; अरह् अज्ञाँ ना माँनणों वाल़े लोग धरमाँईतों की संम्झ गाशी लियाँदा, अरह् प्रभू खे ऐक खास प्रजा तियार करदा।”
हाँव प्रार्थना करू, के आप्णें मंन की आखें के त्तेज-प्रकाष शो तुऐं जाँणी पाँव, के तिनका बुलावे के कारण, तुँओं लोगों का भूर्षा कैत्रा बंडा असो; अरह् तिनू पबित्र लोगो के जजाऐत्त की बंड़ियाई को धंन कैष्णों असो।
के से आप्णी बड़ियाऐ के धन के मुँताबिक तुँओं खे ऐजो दाँण दियों; के तुँऐं तिनके पबित्र-आत्त्मा शे आप्णें भत्ले आछे बिचार दे शक्त्ति पाँऐयों तागतबर बंणदे ज़ाँव,
जिन कैई पंण्मिश्वर ऐ पर्गट करणा चाया, के तिन कैई ऐजा ज्ञाँन हों, के गऐर यहूदी कैई तेसी भेद् की बड़ियाऐ का मोल का असो, अरह् से ऐजो असो, के मसीया जेस्दा बड़ियाऐ का भूर्षा असो, से तुँओं दे बास करह्।