25 परह् हेभी तअ हाँव पबित्र लोगो की सेवा करदा यरूशलेम खे ज़ाँदा लागा।
25 पौरौ इबी तौ हांव पौरमेशवर कै पवित्र लोगौ कै भैंट दैणौ कै खातिर यरूशलेम शहर कै जांदा लागै रौआ।
अरह् ऐजो बुलियों तिनू् कैई शा बिदा हुवा, के “जे पंण्मिश्वर ऐ चहाँव तअ हाँव तुँओं कैई हजो पाछू आँऊबा।” तबे से इफिसुस शो जहाज खुलियों चाली पड़ा;
ईयों घट्णाँ हंणों पाछ़ी, संत्त-पौलुस ऐ आप्णे मंन दो सुचो, के हाँव मकीदुनिया अरह् अखाया बाटी यरूशलेम खे जाँऊ; तबे तेने ऐजा बिचार करा, अरह् “तेथै ज़ाऐयों मुँह रोम के भे देख-रेख कर्णी भे जरूरी असो।”
किन्देंखे के संत्त-पौलुस ऐ इफिसुस नंगर बाटी ज़ाणों का बिचार बंणाँया थिया, के कद्दी ऐशो ने हईयों के मुँखे आसिया ईलाके दे देर हंऐ ज़ाँव; किन्देंखे के से आपु भे पराऊँणी दा थिया, के जे हऐ सको, तअ आँमें बादे झुणें पिन्तेकुस्त के देसे यरूशलेम दे ही रंह्।
“ऐबे हाँव देखो, पबित्र-आत्त्मा शा बंना अंदा असो; अरह् हाँव यरूशलेम खे ज़ादा लागा, अरह् हाँव ऐजो ने जाँण्दा, के तेथै मुँह गाशी का-का बित्त्णों वाल़ी असो;
बैजाऐ साल्ह बित्त्णों गाशी, हाँव आप्णे लोगो खे दाँण देंदा, अरह् देऊँठी दी भेंट चड़ाँदा आऐ रूवा।
परह् हनन्याह ऐ बुलो, “हे प्रभू! मुँऐ कंई लोगों कैई शो शुँणीं थो; के ऐने आदमी ऐं यरूशलेम दे तुवाँरे भगत्तों गाशी अत्त्याचार करी थुवा।
पबित्र लोगो खे जू किऐ जरूरी असो, तिन्दी तिनकी साऐता-मंद्द करह्; अरह् पऊँणाँई कर्दे लागे रूऐ।
जे मेरो ज़ाँणों ठीक हुओं, तअ से मेरी गईलो ज़ाँदे।
अरह् तैसी दाँण दो अरह् पबित्र लोगो की सेवा दे हिंस्सेदारी हंणों की कृपा के बारे दी, आँमों कैई बार-बार बैजाऐ ढाल-अरज करी,
ईन्देंखे आँमें भाऐ तीतुस खे भे ऐजी सलाह् दिती, के जैष्णों तुँऐं आगे शुरू करो थियों, तैष्णी ही तुँओं मुँझी भी दाँण देणों की टह्ल पुरी करह्।
तिन्ऐं सिर्फ ऐजो बुलो, के आँमें गरीब कंगालो का शुज़ा करूबे; अरह् हाँव आपु भे ऐजी काँम-काज़ कर्णी ने; परह् ईयों काँम-काज़ कर्णो के मेरी बेजाऐ हिछ़या भे थी।
किन्देंखे के पंण्मिश्वर अनियाँऐ कर्णो वाल़े ने आथी, के तुँवारी काँम-काज़, अरह् सेजो प्यार बिसरी ज़ाव, जुण्जो तुँऐं तिनके नाँव शो ऐशो ढंग शो देखाव, के पबित्र लोगो की सेवा करी, अरह् हजो भे सेवा करी लऐ।