किन्देंखे के जे अब्राहम काँम-काज़ कर्णो लई पंणमिश्वर की नंजरी दा बै-कसूर बंणायाँ ज़ादा, तअ तेस्खे तारीफ कर्णो के जागा हंदी, परह् से पंणमिश्वर के साम्णें तारीफ ने करी सक्दा।
ईन्दीखे हर ऐक ढंग शो प्रभू यीशू मसीया खे ऐष्णों जरूरी ही थियों, के से भी आप्णें भाऐ-बंईणों जेष्णें ही बंणों; के सोभी की पापों की ताँईऐ से पंस्ताँवे कर्णो खे आप्णा बंल़ीदाँण करियों, पंण्मिश्वर के सहाँम्णें कृपा कर्णो वाल़ा, अरह् बिश्वाष ज़ूगा महाँ-याजक बंणीं ज़ाँव।
किन्देंखे के ऐक नाँम महाँ-याजक आदमी मुँझी शा ही चुणा-छाटा ज़ाव, अरह् आदमी ही खे ईन बातो के बारे दा जुण्जी के पंण्मिश्वर के बारे दी असो, अरह् बंणाँई गंई, के से भेंट अरह् पाप की बंल़ी चड़ाया करह्।