तबे: तेने सैठे ऐं तेसी खजाँन्च़ी बऐदियों तैस्खे बुलो, के ‘ऐजो मुँऐ तेरे बारे दो का शुँणीं लो, ईन्देंखे आप्णें खाजानें का हिसाब-किताब दे; किन्देंखे के तू ऐत्त्लो शुभा मेरा खजाँन्च़ी ने हऐ सक्दा।’
किन्देंखे के जरूरी असो, के आँमों सोभी का हाल मसीया के नियाँव के सिगास्णों के साम्णें खुली ज़ाँदा, के ऐक नाँम आदमी आप्णी-आप्णी भली बुरी काँम-काज़ का बद्ल़ा, जू तिन्ऐं देह्-शरीर के जाँणें करी थुवा, तिन्दें का लेखा दियों।