हे भाऐ बंईणों, आप्णे बईद्णों के बारे दो सुचो; के ना लोगों के मुताबिक जाँने-माँने ज्ञाँन-वाँन लोग, अरह् ना बैजाऐ शक्तिशाली, अरह् ना बैशुमाँर बड़ी खान-दाँनी दे पय्दा हुऐ लोग बईदी।
हाँव प्रार्थना करू, के आप्णें मंन की आखें के त्तेज-प्रकाष शो तुऐं जाँणी पाँव, के तिनका बुलावे के कारण, तुँओं लोगों का भूर्षा कैत्रा बंडा असो; अरह् तिनू पबित्र लोगो के जजाऐत्त की बंड़ियाई को धंन कैष्णों असो।
परह् मसीया के थापनाँ पंण्मिश्वर के षौह्-कंस्म के कारण हंऐ, जिन्ऐं तिनकी बारे दो ऐजो बुलो: “प्रभू ऐं षौह्-कंस्म करी थंऐ, अरह् से आप्णाँ बीचार कंद्दी ने बंद्ल़्दी; के ‘तू ज़ूगौ-ज़ूगौ खे याजक असो।’”