जेथै तोड़ी मरे अंदे के दुज़ाल़िऐं जीऊँणों का सुवाल असो, कियों तुऐं ऋषी-मूसा की कताबे दो पढ़ी ने थंई, जींदा जल़्दी झाड़ी का जिंगर असो? किन्देंखे के पंणमिश्वर ऐ ऋषी-मूसा खे बुलो थियों, के हाँव कथा दो पढ़ी ने थऐ, के पंणमिश्वर ऐ तेस्खे का बुलो, के ‘हाँव अब्राहम, का पंणमिश्वर इसहाक, का पंणमिश्वर अरह् याकूब का पंणमिश्वर असो?’