प्रकाशितवाक्य 6:2 - Sirmouri2 तबे मुँऐ झ़ैठ पाऐ, अरह् देखो, के ऐक चींटा घोड़ा असो, अरह् तेसी घोड़े के अशवारे धणुष थागी थो थियो; अरह् तैस्खे ऐक मुँकुट-ताज दियों गुवो, अरह् से जयकारा कर्दे नींक्ल़ा, के हजो भे जींत्त भेटो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम2 तोबै तिथै मैरै चिटै रंग का घोड़ा दैखिया, औरौ तैसका शवार धनुष लेईयौंदा औसौ: औरौ तैसी ऐक मुकुट दैय गौआ, औरौ सै स्वर्ग शै बायरै धोरती पांदी हौटै गौआ, तैसकै जैशणै जू आगै शै ही जय पाए राए, औरौ औटेयौ शै विजैई हौंदा। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तबे मेरे ऐशो जाँणियों जेष्णों मुँऐ ऐक काँचों का ढाब देखी लुवा, जिन्दी आग जैऐ मिलाऐ थंऐ, मुँऐं तेसी कुँड की टिराँव्टी गाशी तिनू खड़े देखे; जिन्ऐं तेथू खराब-माँरकुट बुँणेंर अरह् तेथ्की मुँर्ति अरह् तेथ्को नाँव की गीनती गाशी जीत्त पाऐ थंऐ थी, अरह् तेस्की हाथों दी पंण्मिश्वर के जाँणें देऐ गऐ ऐक कनाल़ भे थी।