प्रकाशितवाक्य 4:7 - Sirmouri7 आगला जींव शेर जेष्णाँ असो, अरह् दुज़ा जींव कल़टा जेष्णाँ असो, अरह् च़ीज़े जींवो को मुँह आदमी को जियों असो, अरह् चौऊथा जींव ऊड़ादे बाज जेष्णाँ असो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम7 इनु जियुंदी प्राणीयों मुंजीदै आगला प्राणी शेर कै जैशणा दैखैयो थिया, औरौ दूजा प्राणी बाछड़े कै जैशणा औसौ, तिजै प्राणी का मुँह आदमी कै जैशणा औसौ, औरौ चौथा प्राणी ऊड़ेयौंदे बाज कै जैशणा औसौ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |